जिले में दूसरे जगहों से काम करने आए मजदूरोंं के सामने अब समस्या आन पड़ी है। 21 दिन का लॉकडाउन होने से अब वे वापस गांव भी नहीं जा पा रहें है। स्थानीय नहीं होने से इनके पास यहां का राशन कार्ड भी नहीं है। मामला गाटम गांव का है। यहां बस्तर जिले के बकावंड ब्लॉक के 22 मजदूर ईंट बनाने के काम में लगे थे. जो तंबू बना यहां रुके हैं। इनके साथ महिलाएं-बच्चे भी हैं।
जनता कर्फ्यू के बाद से ईंट निर्माण बंद हो गया है। वहीं बस बंंद होने से मजदूर गांव नहीं लौट पाए। मजदूर शंभू, खगेश्वर, दामोदर ने बताया कि काम बंद है रसद भी खत्म हो रहा है। अभी तो जैसे-तैसे एक दो दिन कट जाएगा, लेकिन आगे परेशानी होगी। कटेकल्याण जनपद सीईओ गौतम गहिर ने कहा राशन की व्यवस्था ऑनलाइन है। उनका बकावंड में राशन कार्ड होगा तो राशन गाटम से दिलवाया जाएगा।